विवाह से संबंधित संस्कार एवं रीति-रिवाज (Vivaah se Sambandhit Sanskaar or Reeti-Rivaaj)

Rajendra Choudhary

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विवाह से संबंधित संस्कार एवं रीति-रिवाज (Vivaah se Sambandhit Sanskaar or Reeti-Rivaaj)

विवाह से संबंधित संस्कार/ रीति रिवाज/ रस्मे (Vivaah se Sambandhit Sanskaar or Reeti-Rivaaj)

विवाह के संस्कार-

  1. बरी पड़ला
  2. पहरावणी/ रंगबरी (समठुणी)
  3. सामेला/ मधुपर्क (गोरवा लेना)
  4. बढ़ार
  5. बिनोटा
  6. हथलेवा/ पाणिग्रहण संस्कार
  7. हलदायत की पूजा/ गणेश पूजा
  8. औलंदी
  9. पैसारो
  10. मुकलावा/ गोना
  11. चवरी छाना
  12. रीत
  13. सोटा-सोटी
  14. सिंजारा
  15. रियाण
  16. लीला मोरिया

1. बरी पड़ला-

वर पक्ष की तरफ से वधु के लिए वस्त्र एवं मिठाई भेजना ही बरी पड़ला कहलाता है।

2. पहरावणी/ रंगबरी (समठुणी)-

➤बारात विदाई (समठुणी) के समय वधु के पिता द्वारा प्रत्येक बाराती को उपहार स्वरूप भेंट प्रदान करना ही पहरावणी/ रंगबरी कहलाता है!

3. सामेला/ मधुपर्क-

➤वधु का पिता अपने सगे संबंधियों के साथ बारात की अंगुवानी करना या स्वागत करना (गोरवा लेना) ही सामेला/ मधुपर्क कहलाता है।

4. बढ़ार-

➤सामूहिक प्रीतिभोज ही बढ़ार कहलाता है।

5. बिनोटा-

➤वर वधु के पैरों की जूतियां को बिनोटा कहते है।

6. हथलेवा/ पाणिग्रहण-

➤फेरो के मंडप में वर व वधु के हाथ मिलाना ही हथलेवा/ पाणिग्रहण संस्कार कहलाता है।

7. हलदायत की पूजा/ गणेश पूजा-

➤वर व वधु को पिठी लगना या वर व वधु का बाण/बान बैठाना ही हलदायत की पूजा/ गणेश पूजा कहलाता है।

8. औलंदी-

➤वधु जब पहली बार अपने ससुराल आती है उस समय वधु के साथ आने वाला वधु का भाई या रिश्तेदार ही औलंदी कहलाता है।

9. पसारो-

➤वधु जब पहली बार ससुराल आती है तो घर के मुख्य दरवाजे पर सात थाली (6 थाली व 1 कचोला) रखी जाती है, वर इन थालियों को इधर-उधर करता है तथा वधु इन थालियों को इकठा करती है इसी परम्परा को ही पैसारो कहते है।

10. मकलावा/ गोना-

➤अवयस्क विवाहित कन्या को वयस्क हो जाने पर उसे ससुराल भेज जाता है इसी परम्परा को ही मुकलावा/ गोना कहते है।

11. चवरी छाना-

➤फेरो के मंडप को चवरी छाना कहा जाता है।

12. रीत-

➤गोद भराई की रस्म को रीत कहते है।

13. सोटा-सोटी-

➤विवाहोपरान्त दूल्हा व दुल्हन के द्वारा लकड़ी (सोटी) से खेले जाने वाला खेल ही सोटा-सोटी कहलाता है।

14. सिंजारा-

➤वह पर्व (त्योहार) जिसमें पुत्री एवं पुत्रवधु के लिए साड़ी, श्रृंगार सामग्री व मिठाई आदि भेजे जाते है सिंजारा कहलाता है।

15. रियाण-

➤पश्चिमी राजस्थान में विवाह के दुसरे दिन अफीम पिलाकर मेहमानों का सम्मान करना रियाण कहलाता है।

16. लीला मोरिया-

➤लीला मोरिया आदिवासियों की वैवाहिक रस्म है।